आज जवाहर नवोदय विद्यालय रमखिरिया मे हिंदी बाल कवियों ने अपनी कविताओं से हिंदी पखवाडा दिवस पर चार चाँद लग रहे थे! वही पर एक सजावट भी दिखी जो अपने आप मे शुद्ध एवम शानदार सौंदर्य का प्रदर्शन कर रही थी! आप को बता दे की हम अपने घर मे हजारों रुपये के सजावटी समान लेकर आते है! और प्लास्टिक जैसी बस्तुओ का धीरे- धीरे ढेर लगा लेते है बाद मे उनका सौंदर्य भी फीका पड़ जाता है! लेकिन जवाहर नवोदय विद्यालय रमखिरिया के हाल मे छोटे छोटे घडो मे विभिन्न प्रकार के रंग भरकर उन्हें हाल मे लगा दिया गया जो बहुत ही शोभायमान हो रहे थे शुद्ध देसी सस्ती प्रणाली अपनाने के अपने फायदे है! सभी सजावट करने वालो को विद्यालय से शिक्षा लेनी चाहिए और हजारों रुपये बर्बाद करने से बचने के अलावा बचा हुई समग्री भी पर्यावरण मे सहायक है!