अतिरिक्त पन्ना पुलिस अधीक्षक आरती सिंह की व्यवस्था और समझ
मातृशक्ति के इतिहास मे समयानुसार परिवर्तन देखने और सुनने को मिलता रहा है! अगर इतिहास की बात करे तो कही उनकी स्थिति को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है तो कही पर दैनीय , आखिर इस मूलभूत परिवर्तन के पीछे जिम्मेदार हमारा ही समाज रहा है! नारियों की पूजा से लेकर प्राणो की आहुति देने वाली के साथ हमने पुत्री को गर्भावस्था मे ही मारने जैसी विचारधाराओं वाला इतिहास और कहानी पढ़ी है! अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पन्ना जिले मे पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह से बात की गई ! उन से जानना चाहा कि एक महिला अधिकारी क्या सोचती है! तब उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ हद तक समाज मे जगरूकता बढ़ रही है लेकिन, महिलाओ को समाजिक, आर्थिक रूप से स्वतंत्रता हेतु ग्रामीण इलाको जागरूकता का प्रसार प्रचार करने की आवश्यकता आज भी है ताकि की महिलाओं की विचारधारा बदले और जगरूक होकर राष्ट्र निर्माण मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले सकें! जिले की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बताया कि आज भी कुछ पिछड़े क्षेत्र मे शिक्षा की कमी के कारण महिलाओ मे परतंत्र रूप से रहने की विचारधारा विद्यामान है और कुछ जगह दहेज जैसी प्रथा भी लड़कियों को आर्थिक स्थिति महिलाओ को कही न कही सोचने पर मजबूर करती है! जिससे उन्हे परतंत्र जैसी विचार धारा से मुक्त करवाने हेतु आज शासन प्रशासन स्तर पर हर संभव प्रयास किया जा रहा है! प्रचार प्रसार से लेकर महिलाओ के लिए कानूनी व्यवस्थाओं को लेकर निरंतर हमारे प्रत्येक थाना क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है! ताकि महिलाओ को कानून के अनुसार अच्छी से अच्छी सुविधा मिल सकें और अपनी समश्या को बताने मे महिला किसी प्रकार का संकोच न करे! ऐसा प्रयास रहता है हमारा! ताकि महिलाओ( नारियों) के स्तर बढ़ाने का अतिरिक्त पन्ना पुलिस अधीक्षक आरती सिंह का अच्छी विचारधारा के साथ अच्छा प्रयास सारानीय है!
एक वाक्य-
कर्म ही पूजा है! नारी भारत की संस्कृति है नारी भारत की पूजा है नारी भारत की शक्ति है!नारी से समाज है और समाज से संसार है। आरती सिंह
इनका कहना-