सहाब सो रहे श्रमिक रो रहे
*पेट भरने के चलते कम्पनियों में तमाम तरह का शोषण झेल रहे गरीब मजदूर, हवा हवाई होती चैकिंग*
*दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद की कम्पनियों में मानवाधिकार आयोग के निर्देशों की जमकर उड़ रही धज्जियाँ, पीड़ितों का मौन रहना बना मजबूरी*
-बबलू चक्रबर्ती
दिल्ली/नोएडा/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के ओधोगिक क्षेत्रों और हाई सुसाईटी जिलों में गिने जाने वाले नोएडा व गाजियाबाद ही नही देश की राजधानी दिल्ली के कारखानों में श्रमिकों का तमाम तरह से जमकर शोषण हो रहा हैं, बाबजूद श्रम विभाग के अधिकारी हवा हवाई चैकिंग करके अपने कार्य से इतिश्री कर लेते हैं, यही बजह हैं कि अधिकांशतः कम्पनियों/कारखानों/फैक्ट्रियों और गोदामों में मजदूरों की माली हालत ने मानवाधिकार आयोग के निर्देश और श्रमिकों के अधिकारों को ध्वस्त कर दिया हैं। इस सम्बंध में भिन्न भिन्न तरह से ली गयी जानकारी की बात करें तो सुधार और कार्यवाई न होने के कारण पीड़ित मजदूरों ने अपनी पीड़ा बताने से इंकार कर दिया। उनका स्पष्ट कहना हैं कि कार्यवाई होती नहीं उल्टा शोषण बढ़ जाता , कहा कि सब जगजाहिर है कि चैकिंग के नाम पर कभी कभी अफसर आते हैं और खानापूर्ति करके सीनियरों से मिलकर चले जाते हैं, इस दौरान अगर कोई हिम्मत करके कम्पनी में होने वाले शोषण की शिकायत कर भी दे तो भी कुछ नही होता, उल्टा उनके जाने के बाद मजदूरों को शाररिक मानसिक प्रताड़ित करके कम्पनी से निकाल दिया जाता हैं, निकाले गये व्यक्ति को सैलरी तक नही दी जाती हैं, बेचारा दुबारा नोकरी के लिये कम्पनियों के चक्कर काटने को मजबूर होता । यही नही बताया तो इतना गया कि मानवीय सोच से सुना जाये तो सुनने वाला भी सिसक उठे, लेकिन नही पसीजते तो अत्याचार करने वालों व विभागीय और उच्च अफसरों के साथ शासन में बैठे लोगों के कलेजे ….