पर्यावरण के मानक को ताख पर रखकर संचालित हो रहा डामर प्लांट।
*दमा,टीवी,कैसर,चर्मरोग,जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे ग्रामीण व किसानो मे भारी आक्रोश व्याप्त है।*
*11 सूत्री मांगों को लेकर धरना पर बैठे भारतीय किसान यूनियन आजाद हिंद।*
पूरा मामला बारा तहसील क्षेत्र डाणो बघोलवा गांव पास संचालित डामर प्लांट का।
ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि डामर प्लांट पूरी तरह से एनजीटी व पर्यावरण के मानक को ताख पर रखकर संचालित किया जा रहा है जो गैर कानूनी है।प्लांट की चिमनी से निकलने वाला धुआं पूरे क्षेत्र के पेड़ पौधे,फसल,जीव जन्तुओ व ग्रामीण जन जीवन को प्रभावित कर रहा है।बारा क्षेत्र के किसान मजदूर किसानी कर अपने परिवार का जैसे तैसे भरण पोषण इसी खेती पर निर्भर होकर करता है।अब गंभीर बीमारियों का शिकार होकर कैसे अपने परिवार का इलाज करा सकता है अपने आप में यह बडा सबाल है। इतना ही नहीं सड़कों पर ओवरलोड लादकर भर्राटा भर रही गाड़ियों ने पूरी सडक की धज्जिया उड़ा दी सडक पूरी तरह से बड़े-बड़े गड्ढो में तब्दील हो गई अब तो चलना भी दूभर हो गया है।
ग्रामीण किसानों ने उप जिलाधिकारी बारा को पत्र देकर मुख्यमंत्री से पर्यावरण जीव जंतु जन जीवन बचाने की गुहार लगाई है।
वह दूसरी तरफ योगी सरकार ओवरलोड परिवहन को लेकर सख्त है लेकिन जिम्मेदार योगी के निर्देशों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं आखिर क्या हो सकती है बडी वजह सवालो के घेरे मे जिम्मेदार।