कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों के 488 अनुपयोगी एवं जीर्ण-शीर्ण शासकीय भवनों को निष्प्रयोज्य घोषित किया
नियमानुसार डिस्मंेटल कार्यवाही की मिली अनुमति
कलेक्टर सुरेश कुमार ने अनुपयोगी एवं जीर्ण-शीर्ण हालत के जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न विभागों के अधीन शासकीय भवन एवं संस्थाओं को निष्प्रयोज्य घोषित कर डिस्मंेटल किए जाने की अनुमति प्रदान की है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अजयगढ़, गुनौर, पन्ना, पवई और शाहनगर द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन में गिरने की प्रबल संभावना वाले ऐसे 488 चिन्हांकित शासकीय भवनों को कण्डम घोषित करने का अनुरोध किया गया था।
इस आधार पर किसी भी संभावित दुर्घटना के दृष्टिगत कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग एवं समस्त जनपद पंचायत सीईओ द्वारा संयुक्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया तथा शासकीय भवनों की दीवारें और छत जीर्ण-शीर्ण हालत में होने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए जर्जर भवनों की ऑफसेट लागत प्रस्तुत की गई। जिला कलेक्टर द्वारा संयुक्त प्रतिवेदन पर सहमति प्रदान कर ऐसे चिन्हित शासकीय भवनों को निष्प्रयोज्य घोषित करने की कार्यवाही की गई है। साथ ही ऐसे जर्जर भवनों को डिस्मेंटल करने की अनुमति भी प्रदान की गई।
जनपद पंचायत अजयगढ़ क्षेत्र अंतर्गत 83, जनपद पंचायत पन्ना में 96, जनपद पंचायत गुनौर में 55, जनपद पंचायत पवई में 130 तथा जनपद पंचायत शाहनगर में 124 जर्जर शासकीय भवनों को डिस्मेंटल किया जाएगा। इस दौरान भवनों के मलबे में उपलब्ध मूल्यवान सामग्री की नियमानुसार नीलामी की कार्यवाही संपादित कर प्राप्त राशि शासकीय कोष में जमा कराने के लिए निर्देशित किया गया है।