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नाला सफाई में लापरवाही पर फर्म ‘हिमगिरी’ पर ₹40,000 का जुर्माना, जेई को नोटिस

बरेली। मानसून से पहले नालों की सफाई में लापरवाही बरतने पर बरेली नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। नगर निगम के निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी ने औचक निरीक्षण कर तीन अलग-अलग क्षेत्रों में नाला सफाई की स्थिति का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान कई खामियां उजागर हुईं, जिसके चलते नाला सफाई का कार्य कर रही फर्म हिमगिरी इंफ्राटेक पर ₹40,000 का जुर्माना लगाया गया, जबकि संबंधित अवर अभियंताओं (JE) को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत नगर निगम की ओर से ठेके पर नाला सफाई कार्य कराया जा रहा है। नगर आयुक्त संजय कुमार मौर्य के निर्देश पर पूरे शहर में सफाई कार्य की सतत निगरानी हो रही है। इसके तहत मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी ने शहर के सात नालों का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर नाला सफाई कार्य संतोषजनक पाया गया, जबकि कुछ इलाकों में बेहद धीमी गति और लापरवाही उजागर हुई।
संतोषजनक सफाई (ठीक पाया गया) वाले स्थानों में रंगीला की दुकान से बाल्मीकि मंदिर होते हुए गौरीशंकर मंदिर तक, राजीव कॉलोनी मुख्य मार्ग पर पुलिया से रेलवे पुलिया तक रहे।
खामियों वाले स्थानों में रेलवे जंक्शन से कोनार्क होटल होते हुए सुभाषनगर नाला, बिहारीपुर पुलिस चौकी से चौपुला चौराहा, पटेल चौक से चौपुला तक (रघुवंशी कॉम्प्लेक्स), बीकानेर होटल से चौपुला चौराहा, शुगर फैक्ट्री से कुंवर रिसोर्ट होते हुए बीडीए कॉलोनी तक हैं।
इन क्षेत्रों में या तो अतिक्रमण मिला या फिर काम की गति अत्यंत धीमी पाई गई। अतिक्रमण हटाने के निर्देश संबंधित क्षेत्रीय अवर अभियंताओं को दिए गए हैं।
नाला सफाई कार्य में लापरवाही के चलते ‘हिमगिरी इंफ्राटेक’ नामक फर्म पर ₹40,000 का जुर्माना लगाया गया है। यह फर्म शुगर फैक्ट्री से बीडीए कॉलोनी और अन्य स्थानों पर नालों की सफाई का कार्य कर रही थी, जिसमें अनियमितताएं पाई गईं।
निरीक्षण में जहां भी लापरवाही पाई गई, वहां संलग्न अवर अभियंताओं (JE) को कारण बताओ नोटिस थमाए गए हैं। नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि आगे भी सफाई कार्य में कोताही बरती गई तो फर्मों पर फिर से जुर्माना और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
संपूर्ण निरीक्षण की रिपोर्ट मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी द्वारा तैयार कर नगर आयुक्त संजय कुमार मौर्य के माध्यम से शासन को भेज दी गई है। इसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि मानसून पूर्व नालों की सफाई में कार्यदायी एजेंसियां गंभीरता नहीं दिखा रही हैं।

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