श्रमिक उजाला पीयूष दीक्षित
गोला गोकरननाथ (खीरी) सावन के पवित्र महीने में भगवान भोलेनाथ के जयघोष से गूंज रही छोटी काशी गोला में इस बार श्रद्धा की एक अनुपम छटा देखने को मिल रही है। श्रावण मास के तृतीय सोमवार से ठीक एक दिन पहले रविवार को ही लाखों की संख्या में शिवभक्त गोला गोकर्णनाथ मंदिर की ओर उमड़ पड़े। सुबह से ही कांवड़ियों और भक्तों की कतारें हर ओर नजर आने लगीं।
रविवार को ही दो लाख श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
मंदिर प्रबंधन समिति के मुताबिक, शनिवार रात से रविवार शाम तक अनुमानित दो लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन कर चुके हैं। शिवम कांप्लेक्स से लेकर मंदिर परिसर तक, और शिवम चौराहे से गर्भगृह तक लगभग 300 मीटर लंबी लाइन निरंतर बनी रही। जितने भक्त मंदिर के अंदर जा रहे हैं, उतनी ही तेज़ी से नए भक्त लाइन में जुड़ते जा रहे हैं।
हर सड़क बनी आस्था का मार्ग
स्टेशन रोड, शिवम चौराहा, मंदिर मार्ग समेत नगर के तमाम रास्ते भक्तों के उत्साह से सराबोर हैं। पैदल चलना तक दुश्वार हो गया है। हर ओर कंधे पर कांवड़ लिए, सिर पर गंगाजल और “बोल बम” के जयघोष करते श्रद्धालु नजर आ रहे हैं।
प्रशासन रहा पूरी तरह सतर्क
इतनी बड़ी संख्या में उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी से डटा हुआ है। नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ‘रिंकू’, उपजिलाधिकारी युगांतर त्रिपाठी, तहसीलदार भीमचंद, क्षेत्राधिकारी शिवम कुमार, कोतवाली प्रभारी अंबर सिंह और मेला प्रभारी रमेश चंद्र पांडे मय फोर्स के साथ पूरे नगर में भ्रमणशील रहे। सभी अधिकारियों ने प्रमुख मार्गों व भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए।
सोमवार को पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना
प्रशासन ने सोमवार को होने वाली संभावित भीड़ को लेकर विशेष रणनीति बनाई है। अनुमान है कि सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या पांच लाख के पार जा सकती है। इसके मद्देनज़र अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, बैरिकेडिंग की गई है, पेयजल व प्राथमिक उपचार की अस्थाई व्यवस्थाएं की गई हैं। मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और हेल्प डेस्क भी सक्रिय किए गए हैं।
सुरक्षा और श्रद्धा की अनूठी संगम स्थली बनी छोटी काशी
जहां एक ओर गोला में उमड़ी भीड़ से नगर का हर कोना ‘हर-हर महादेव’ से गूंज रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था श्रद्धालुओं को सहज और सुरक्षित वातावरण दे रही है। श्रद्धालु भी प्रशासनिक प्रयासों से संतुष्ट दिखे और शिवधाम के दिव्य दर्शन से आनंदित होकर लौटे।
आस्था और अनुशासन का यह संगम दृश्य श्रद्धा के इतिहास में एक नई मिसाल बनता जा रहा है।