डिफाल्टर समितियां खरीदी केन्द्र नहीं बनेंगी: कलेक्टर
जिला उपार्जन समिति की बैठक में केन्द्रों पर कृषकों के माकूल सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त रखने के निर्देश
आगामी एक दिसम्बर से 19 जनवरी तक खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में निर्धारित उपार्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर फसल उपार्जन के लिए सभी मूलभूत व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। डिफाल्टर समितियों को खरीदी केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। उपार्जन केन्द्रों पर फसल विक्रय के लिए पहुंचने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और केन्द्रों पर कृषकों के माकूल सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त रखें। कलेक्टर हरजिंदर सिंह ने उक्ताशय के निर्देश आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में खरीफ उपार्जन अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान एवं ज्वार उपार्जन कार्य की समीक्षा बैठक के अवसर पर दिए। इस दौरान जिला उपर्जान समिति के सदस्यों सहित जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी, सहायक आयुक्त सहकारिता, जिला आपूर्ति अधिकारी, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, जिला प्रबंधक डब्ल्यूएलसी, मण्डी सचिव, मार्कफेड और कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
उन्हांेने कहा कि डिफाल्टर समितियों से राशि वसूली की कार्यवाही तत्परतापूर्वक करें। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि धान उपार्जन कार्य में पारदर्शिता के साथ कार्य करें। पंजीयन वाले ऑपरेटर्स को खरीदी कार्य में संलग्न न करें। साथ ही उपार्जन से संबंधित सभी कार्यवाहियां समय पर संपादित करना सुनिश्चित करें। अंर्तविभागीय समन्वय के जरिए खरीफ विपणन वर्ष में फसल उपार्जन संबंधी समस्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने जिला आपूर्ति अधिकारी को प्रत्येक खरीदी केन्द्र में कृषि, राजस्व, सहकारिता, खाद्य विभाग के मैदानी अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा। नोडल अधिकारी द्वारा खरीदी केन्द्र में उपस्थित रहकर उपार्जन से संबंधित संपूर्ण नियंत्रण का कार्य किया जाएगा। इसी तरह सहायक आयुक्त सहकारिता और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक को पोर्टल में पात्र समितियों की सार्टेज राशि तत्काल जमा कराकर खरीदी केन्द्र बनाने के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे किसानों की सुविधा और भौगोलिक दृष्टिकोण के दृष्टिगत वर्तमान में बनाए गए 26 खरीदी केन्द्रों के अलावा और अतिरिक्त खरीदी केन्द्र भी बनाए जा सकें। उन्होंने कहा कि उपार्जन के दौरान परिवहन आदेश जारी होने पर 48 घण्टे के अंदर खरीदी केन्द्रों से परिवहन कराकर सुरक्षित भण्डारण कराया जाए। इसके अलावा नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक को विगत वर्षों में समिति द्वारा किए गए उपार्जन कार्य में कमीशन और प्रासंगिक व्यय राशि का मिलान कर दो दिवस में नियमानुसार भुगतान सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए गए।
अंतर की राशि जमा करने पर बनाया गया है उपार्जन केन्द्र
बैठक में शासन से जारी उपार्जन नीति अनुसार ई-उपार्जन पोर्टल में प्रदर्शित पात्र समितियां, जिनका विगत दो उपार्जन वर्ष में उपार्जित मात्रा और जमा मात्रा का अंतर 5 प्रतिशत से कम होने पर अंतर की राशि जमा करने पर जिला उपार्जन समिति की अनुशंसा उपरांत 26 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें अजयगढ़ तहसील में स्थापित एक ज्वार का खरीदी केन्द्र भी शामिल है। इसके अलावा ई-उपार्जन पोर्टल में पात्र 42 समितियों के विरूद्ध 19 सहकारी समितियों की उपार्जित मात्रा सार्टेज की राशि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में जमा नहीं करने से उपार्जन का कार्य नहीं दिया गया है।
इनमें मोहन्द्रा समिति की 6 लाख 26 हजार, सिंगवारा की 2 लाख 75 हजार, कुंवरपुर की 5 लाख 23 हजार, सिमरिया की 7 लाख 12 हजार, बिरसिंहपुर की 5 लाख 23 हजार, मुड़वारी की 3 लाख 75 हजार, गौरा की 2 लाख 99 हजार, लक्ष्मीपुर की 1 लाख 76 हजार, बिरवाही की 2 लाख 94 हजार, ककरहटी की 7 लाख 11 हजार, देवेन्द्रनगर की 7 लाख 68 हजार, रैगढ़ की 7 लाख 92 हजार, राजापुर की 1 लाख 31 हजार, महेबा की 2 लाख 77 हजार, खोरा की 48 लाख 6 हजार, बनहरीकला की 2 लाख 40 हजार, मझगांय की 2 लाख 99 हजार, पटनातमोली की 6 लाख 22 हजार, गुनौर की 23 लाख 97 हजार की राशि शामिल है। सभी समितियों के प्रबंधकों को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना के महाप्रबंधक द्वारा नोटिस जारी कर अविलंब राशि जमा करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिससे इन समितियों की राशि जमा होने पर इन्हें उपार्जन का कार्य दिया जा सके। इसी तरह विगत वर्षों में जिन समितियों द्वारा उपार्जन का कार्य किया गया है और उन समितियों की ज्यादा सार्टेज होने के कारण पोर्टल में अपात्र होने पर ऐसी समितियो को भी निर्देशित किया गया है कि सार्टेज की राशि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में जमा करें और सार्टेज राशि का 50 प्रतिशत राशि की एफडी नॉन ऑफिस में जमा करें। इस तरह ऐसी अपात्र समितियों के सार्टेज राशि के विरूद्ध डेढ़ गुना राशि जमा होने पर उपार्जन का कार्य दिया जा सकता है।
कलेक्टर ने कहा कि सभी खरीदी केन्द्रों में प्रतिदिन फसल उपार्जन का व्यवस्थित रिकार्ड रखा जाए। किसानों को समय पर भुगतान करें। उन्होंने कहा कि खरीदी शुरू होने पर प्रतिदिन की स्थिति से भी अवगत कराएं। प्रतिदिन परिवहन और उपार्जित स्कंध की जानकारी भी प्रस्तुत करें। बैठक में उपार्जन से संबंधित विभिन्न समस्याओं के निराकरण, डिफाल्टर समितियों से कड़ाई के साथ राशि वसूली और किसानों को असुविधा से बचाव के लिए सही मैपिंग के लिए भी निर्देशित किया गया।