1989 में संतोष ने जनता दल से समझौता तोड़ते हुए जीता था,चुनाव”
रोड शो की परंपरा उसी समय से शुरू हुई थी!
बरेली /पिछले साढ़े तीन दशक से चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शहर के तिलक इंटर कॉलेज से निकलने वाले अभूतपूर्व रोड शो को देखकर इस बार शहर के बाशिंदों को कुछ याद आयेगा! तो वह होगी संतोष गंगवार की प्रत्याशी के तौर पर गैर मौजूदगी!
जी हाँ हम बात कर रहे हैं आठ बार के सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की जिनका इस दफा बढ़ती उम्र कि शर्त के चलते टिकिट काट दिया गया!और उनके स्थान पर बहेड़ी के पूर्व विधायक छत्रपाल सिंह गंगवार को टिकिट देकर भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है! यहाँ बता दें संतोष गंगवार 1989 में लोकसभा का पहला चुनाव जीतकर संसद पहुँचे थे!इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा लोगों को आज भी याद है! बोफोर्स तोप सौदा घोटाले का आरोप लगाते हुए तत्कालीन राजीव गाँधी सरकार में रक्षा मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के इस्तीफे के बाद राजीव सरकार कि चूलें हिल गयीं थीं!
देश में विपक्षी पार्टियों ने जनता दल का गठन किया! जनमोर्चा वाम दल ने जनता दल में विलय नही किया था!
लोकसभा चुनाव में भाजपा और जनता दल में सीटों का बंटवारा हुआ और बरेली सीट जनता दल के खाते में चले जाने से जयदीप सिंह बरार प्रत्याशी बने और उनका चुनाव प्रचार भी शुरू हो चुका था! संतोष गंगवार और उनके समर्थको को यह नागवार गुजरा!
वीरेंद्र वर्मा एडवोकेट को संतोष गंगवार राजनैतिक गुरु मानते थे!
संतोष ने चुनाव लड़ने कि अपनी इच्छा उनके सामने जताई! वीरेंद्र वर्मा के अटल विहारी वाजपेयी और एल के आडवाणी से निकट के संबंध थे! उन्होंने कहा संतोष कल दिल्ली चलते हैं! देखते हैं क्या होगा!
एक दिन बाद वीरेंद्र वर्मा और संतोष सुवह अटल विहारी वाजपेयी के आवास पर जा पहुँचे! अटल जी किसी मीटिंग में शामिल होने कार में बैठने ही वाले थे! इसी बीच निज़ी सचिव ने कहा सर बरेली से वीरेंद्र वर्मा एडवोकेट आये हैं! अटल जी बापस हुए और बोले वीरेंद्र कैसे आना हुआ!
वीरेंद्र ने धीरे से कहा बरेली सीट पर हम चुनाव लड़ना चाहते हैं!
अटल बोले वीरेंद्र चुनाव लड़ोगे, वह बोले मैं नही संतोष गंगवार चुनाव लड़ेंगे! अटल जी ने कुछ देर सोचने के बाद कहा! संतोष तुम चुनाव जीत सकोगे! संतोष ने कहा जी!
और अचानक वह बोले वीरेंद्र सीट समझौते में जनता दल के पास है!
ठीक है वीरेंद्र अब तुम्हारी जिम्मेदारी है! संतोष को जिताकर लाना!
संतोष गंगवार को सिम्वल मिला वह समझौते को तोड़ते हुए चुनाव मैदान में कूद पड़े! परंतु जनता दल ने अपने प्रत्याशी जयदीप सिंह बरार को बापस नही किया! कांटे कि चुनावी टक्कर में संतोष गंगवार चुनाव जीतकर सांसद बने! उसके बाद वह लगातार आठ बार इस सीट से चुनाव जीते! 2009 में कांग्रेस के प्रवीन सिंह ऐरन के हाथों 9338 वोट से संतोष गंगवार को पराजय का सामना करना पड़ा था!
1989 से प्रत्येक चुनाव में तिलक इंटर कालेज से साहूकारा,बड़ा बाजार, कुतुब खाना, मनिहारान गली चौराहा, शिवाजी मार्ग, मटकी चौकी, साहू रामस्वरूप, श्यामगंज होते हुए कालीबाड़ी मंदिर तक रोड शो कि परंपरा कि शुरूआत हुई थी! जो आज भी बदस्तूर जारी है!