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पन्ना जिले के पन्ना जनपद के अंतर्गत ललार ग्राम पंचायत से मामला सामने आया है जहाँ हिंदू, जैन, बुद्ध धर्म के साथ अन्य कलाओ से संबंधित मूर्तियाँ बीते समय जब प्रकाश मे  आई, समाज सेवी संजय रैकवार ने मूर्तियों को अपने कैमरे मे कैद किया! प्रथम दृष्टा मूर्तियाँ चंदेल कालीन प्रतीत होती है! ग्रामीण लोगो ने जानकारी देते हुए बताया कि ये सभी मूर्तियाँ जो चबूतरे मे लगी हुई है यह सभी बीहर (पुराने समय का जल स्रोत) से निकाली गई है! पन्ना जिले मै नाचना, ब्रहस्पति कुंड, पतालिया, दिया, पहाड़ीखेरा, शिवराज पुर जंगल  सहित अन्य ऐसी जगह है जहाँ पर पाषाण काल से लेकर अठारहवीं शतब्दी तक के कुछ न कुछ इतिहासिक स्रोत के रूप मे तस्वीर उजागर हुई है, जो  मीडिया के माध्यम से प्रकाश मे तो आये है लेकिन उनके ऐतिहासिक तथ्य प्रकाश मे आना वाकी है! पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार द्वारा ऐसे स्थानों को चिंहित करवाया जा रहा है!

इनका कहना-

पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पन्ना मे इतिहासिक जो भी स्थान है ,कोशिस करेगे कि सभी स्थानों का निरीक्षण हो , जिसके लिए पहले पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा गया है और जो स्थान प्रकाश मे आते जायेंगे उनकी भी जाँच करवाई जायेगी! ताकि पन्ना जिले को एक नई पहिचान मिले, नचने ग्राम पंचायत को खजुराहो की तर्ज पर विकसित किया जायेगा!

इनका कहना

जिला सीईओ संघ प्रिय ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत ललार मे प्राचीन मूर्तियों की जानकारी संज्ञान मे आई है उसकी जाँच करवाई जायेगी!

इनका कहना

 डॉ शिवकांत बाजपेयी- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी ने बताया कि नचने ग्राम पंचायत को खजुराहो की तरह विकसित करने की योजना बनाई जा रही है! जिसकी चर्चा पन्ना कलेक्टर से चर्चा की गई है जल्द ही ऐसे अन्य ऐतिहासिक स्थलों का निरीक्षण कर रूप रेखा बनाई जायेगी! ताकि पन्ना का नाम भी इतिहास मे दर्ज हो सके!

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