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पन्ना में चमका एक और प्रतिभारुपी हीरा- महिमा अवस्थी देश में छठा स्थान हासिल कर बनी जल- भूवैज्ञानिक

खुद पर भरोसा, कड़ी मेहनत और गल्तियों से सीख सफलता का मूल मंत्र- महिमा अवस्थी,पन्ना में हीरें ही नहीं, बल्कि प्रतिभारुपी हीरों की भी कमी नहीं है। जिसका एक और उदाहरण पन्ना के अजयगढ़ निवासी महिमा अवस्थी पिता कौशल प्रसाद अवस्थी द्वारा देखने को मिला है। जिसमें उन्होंने संघ लोकसेवा आयोग-यूपीएससी द्वारा आयोजित संयुक्त भूवैज्ञानिक परीक्षा -2023 के हाल ही में घोषित परिणाम में देश में छठा स्थान हासिल कर, जल- भूवैज्ञानिक बनकर जिले का नाम रोशन किया है। इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए प्रिमिलिनरी, मेन्स, साक्षात्कार और मेडिकल चरणों से गुजरना होता है। खुद पर भरोसा, कड़ी मेहनत और गल्तियों से सीख को सफलता का मूल मंत्र बताते हुए, उन्होंने बताया कि उन्हें यह सफलता बिना किसी कोचिंग के, दूसरे प्रयास में हासिल हुई है। उनका कहना है कि तैयारी के दौरान समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है, लेकिन इस दौरान जितना कम हम तनाव लेते हैं, उतना ही अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपनी दादी राजकिशोरी बाई, पिता कौशल प्रसाद अवस्थी, शिक्षक, माता साधना अवस्थी और डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के एप्लाइड जियोलॉजी विभाग के शिक्षकों विभागाध्यक्ष डॉ हरेल थाॅमस, डॉ ओ पी अलेक्जेंडर, डॉ एल पी चौरासिया, डॉ एस के गुप्ता, डॉ एस एच आदिल, डॉ ए के सनडिल्या, डॉ आर के त्रिवेदी, डॉ पी के कठल, डॉ आर के रावत, डॉ गौरव कुमार सिंह, डॉ के के प्रजापति, स्कूल शिक्षक अखिलेश श्रीवास्तव, विनोद कुमार मिश्रा, सीनियर और दोस्तों को दिया है। वहीं इस उपलब्धि पर इटवांखास निवासी परिवारजनों चाचा रामदयाल, रामरतन व जयाराम सहित सभी शुभचिंतकों ने शुभकामनाएं देते हुए खुशी जाहिर की है।

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