*मौका मिलते ही चरण स्पर्श से नहीं चूके दरोगा जी*
*कौशाम्बी* चायल तहसील के समसपुर गांव में दंगल मेला के आयोजन में कुर्ता पैजामा में पहुंचे व्यक्ति का चरण छूने से दरोगा जी नहीं चूके हैं जैसे ही माला पहने कुर्ता पैजामा में मुख्य अतिथि दंगल मैदान में पहुँचे कानून व्यवस्था में लगे वर्दी धारी दरोगा ने मुख्य अतिथि का सम्मान पूर्वक पैर छूकर अपना फर्ज निभाया है दरोगा जी के चरण स्पर्श की पूरे दंगल में तेजी से चर्चा होती रही कि कम से कम उनके घर के भीतर पैर छूने की परंपरा को भीड़ के बीच वर्दी पहनकर पैर छूने की परंपरा ना बनाते या फिर मुख्य अतिथि से इतना अधिक लगाव था उनका इतना अधिक सम्मान दरोगा जी करते थे तो कुछ देर के लिए वर्दी को थाने में छोड़ कर दरोगा जी भी सिविल ड्रेस में आ जाते और पैर छूकर उनका सम्मान और आभार व्यक्त कर देते क्या यह वर्दी के सम्मान से खिलवाड़ नहीं है
*अनिल कुमार पत्रकार