व्यक्ति अंदर से अच्छा है तो लोग उसे याद रखते है -अपनी भावना अनुसार
कहानी एक पद की है! ऐसा पद जिस पर बैठकर लोग बड़ा इगो करते है! लेकिन इस पद पर कुछ ऐसे भी लोग आते है जो कभी जनता को ये एहसाह नही होने देते की ये पद कितना बड़ा है! वो हमेशा एक सेवक की भाती कार्य करके निकल अन्य जगह पहुँच जाते है! अन्य जगह पहुँचते ही लोग गुणगान करने लगते है! हम बात पूर्व पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा कि है जो किसी भी आम नागरिक के साथ बैठकर समस्या की चर्चा कर लेते थे! किसी प्रकार का इगो नही दिखा पद मे लेकर आज भी लोगों को जिन्हे पता नही अधिकारी अन्य जगह भी जाते है! ऐसे ही एक व्यक्ति रूपा जिसका भौतिक संसाधनों से कोई महत्व नही उन्होंने संजय मिश्रा को महापुरुष की उपाधि दे डाली! ना तो उनका कोई काम किसी अधिकारी से है और ना ही पड़ता है! ऐसी ही एक महिला ग्राम गहरा की वृद्ध विधवा महिला अहिरवार ने बोला मेरा बेटा जो साहिब से मुझे मिलवा दो जिसने मुझे पेनसिं का प्रणाम पत्र दिलवाया था! ऐसे हजारों किससे आज भी पन्ना मे है उनके कोई उनके मिलने वाली भावना, तो कोई समस्या सुनने वाली भावना, तो कोई सहनशीलता वाली भावना, आज तक उन्होंने अपने विरोधी जो जिले मे निरंतर विरोध करते है! या विभिन्न प्रकार के आरोप लगाते थे! उन्होंने कभी भी उत्तर नही दिया! उनका कहना था की! अच्छे कार्यो मे ऊर्जा का उपयोग करना है! यहाँ पर लोगों की अपनी भावना अनुसार विचारधारा पक्ष या विपक्ष वाली भी बन सकती है! लेकिन जो जमीनी स्तर पर सुना और देखा उसको लिखा