आज के समय मै किसी भी कार्य हेतु आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है! बिना आधार कार्ड के कोई कार्य नही होता है ग्रामीणों मे सबसे अधिक समस्या के रूप मे उभर कर सामने आ रहा है! मध्य प्रदेश के ग्रामो मे शिक्षा खासकर अनुसूचित जाति और जनजाति मे आज भी ना के बराबर है! बच्चों का नाम स्कूलों मे दर्ज है लेकिन उनके स्तर मे कोई बदलाव नही हो पा रहा है! उसके जिम्मेदार जितने शिक्षक है उतना ही ग्रामीण परिवेश है और माता पिता भी! अशिक्षा के कारण उन्हे पता नही होता कि किस ऑफिस मे जाकर अपना कार्य करवाये, एक शिक्षित व्यक्ति या अधिकारी द्वारा बोल दिया जाता है लेकिन उन्हे ज्ञान ना होने के कारण वो किसी ऑफिस तक नही पहुँच पाते! बात चाहे आधार कार्ड मे सुधार की हो या कोई प्रमाण पत्र बनवाने की आज भी ग्राम पंचायतों मे ऐसे लोग है जिनका आधार कार्ड आज तक नही बना! उनकी आयु 40 वर्ष के आस पास हो गई है! वृद्ध व्यक्ति जिनकी आँखे खराब है फिंगर नही लग रहे है! वो आमजन किसी योजनाओ का लाभ नही पाते है! ऐसे समस्याओ के निराकारण हेतु शासन प्रशासन स्तर पर क्यों कोई प्रयास नही किया जा रहा है! या आधार कार्ड के शिविर क्यों नही लगाये जाते है! आज भी ऐसे प्रमाण है! जो वृद्ध अवस्था की ओर है विधवा है लेकिन पेंशन नही पा सकते है क्योंकि उनके आधार कार्ड नही है! बीपीएल बनवाने के लिए भी आधार कार्ड चाहिए और फीडिंग को भी लेकिन आधार कार्ड नही है ! वो कहाँ जाए, कौन सुनेगा इनकी, कौन सहायक होगा