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श्री बारह सैनी रामलीला नाट्य परिषद चन्दौसी द्वारा नवमी नवरात्रि के दिन रामबाग धाम के विशाल पावन मंच पर लक्ष्मण शक्ति रावण वध की लीला का आयोजन किया गया।
आज की लीला का आयोजन स्व0 हरिओम वार्ष्णेय राशन वालों की पावन स्म्रति में उनके पुत्र  श्री विनय कुमार वार्ष्णेय,श्री अभय वार्ष्णेय और श्री आकाश वार्ष्णेय और

समस्त परिवार के द्वारा फीता काटकर सुभारम्भ किया गया।
आज की रामलीला में हनुमानजी लंका दहन करने के बाद माता सीता से आज्ञा लेकर बापस किष्किंधा नगरी लौट आते हैं। और वहाँ श्री राम जी को माता सीता की दी हुई निशानी देते हैं। राम जी वो निशानी पहचान लेते हैं। उसके बाद महाराज सुग्रीव अपनी सेना को लंका पर चढ़ाई करने का आदेश देते हैं। और सभी समुद्र तट पर पहुंच जाते हैं। अब नल और नील नाम के दो महावीर वानरों की सहायता से समुद्र पर पुल बना के लंका पहुँच जाते हैं।
अगले दृश्य में श्री राम जी अंगद को शांति दूत बनाकर रावण के दरबार में भेजते हैं। जहाँ रावण और अंगद संवाद दर्शनीय होता है। अंगद वहाँ जा कर रावण को माता सीता जी को लौटाने का आग्रह करते हैं और अन्यथा की स्थिति में युद्ध लड़ने के लिए चुनौती देते हैं। और अपना पॉव जमाकर ललकारते हैं पर कोई उनका पॉव उठाना तो दूर हिला भी नही पाता है।
अगले दृश्य में युद्ध शुरू होता हैं जहां मेघनाथ लक्ष्मण को युद्ध में घायल कर मूर्छित कर देते हैं। महावीर हनुमानजी लंका से सुषेण नाम के विधायक वैद्य को ले आते हैं। वैद्य उन्हें संजीवनी बूटी लाने के लिये भेज देते हैं। रास्ते में हनुमानजी को कालनेमि नाम का राक्षस मिलता है। हनुमानजी उसका वध करके संजीवनी बूटी ले आते हैं और लक्ष्मण जी के प्राण बच जाते हैं।
फिर युद्ध होता है जहाँ मेघनाथ, कुम्भकर्ण जैसे योद्धा मारे जाते हैं। आखिर में राम रावण युद्ध होता है तो विभीषण राम को बताते हैं कि रावण की नाभि में अमृत है तो राम जी एक ही वाण से अमृत सुखाकर रावण का अंत कर देते हैं।

श्रीरामलीला नाट्य परिषद की ओर से सभी यजमानों का माला, पटका, पगड़ी, पहना कर सम्मान किया गया। और एक श्री राम जी की प्रतिमा उपहार स्वरूप भेट की गई।
प्रधान गिरराज किशोर, उपप्रधान नवीन चौधरी,मंत्री कपिल राजा, उपमंत्री धीरेन्द्र कुमार , कोषाध्यक्ष संजीव वार्ष्णेय, निर्देशक कन्हैया वार्ष्णेय, ओमेंद्र वार्ष्णेय, प्रमोद गुरु,राजीव वार्ष्णेय, संजीव परचूनी,आर्यन,रीतिक,उमंग वार्ष्णेय,अनमोल,सुरेंद्र,गौरव,भूमि सिंह,प्रियंका , और दिव्यांशु नारायण, मदन गोपाल महेश , प्रतीक्षा शर्मा आदि कलाकार और पदाधिकारी मौजूद रहे। मंच का संचालन अमित अप्पू और मुकुल शर्मा ने किया।

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