यमुना का जलस्तर बढ़ने से प्रशासनिक अधिकारियों में मची खलबली
यमुना में गुरुवार को जलस्तर बढ़ने से प्रशासनिक अफसर व ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। प्रशासनिक अफसर लोगों के लिए खाद्य सामग्री पहुंचा रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत लोगों के सामने पशुओं के चारे को लेकर हो रही है। एसडीएम खैर मोहम्मद अमान ने बताया कि दिल्ली के ओखला बैराज से गुरुवार को यमुना में करीब 55 हजार 657 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे यमुना में खतरे के निशान 200.600 के सापेक्ष 198.25 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया है। इससे तटवर्ती गांवों में पानी घुसने लगा है। सबसे ज्यादा खतरा महाराजगढ़ गांव के लिए है। यही गांव सबसे पहले बाढ़ की चपेट में आता है। उधर, अतरौली तहसील क्षेत्र में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 178.765 मीटर के सापेक्ष 178.20 मीटर पर है। इसे अधिकारीचिंताजनक नहीं बता रहे हैं।