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भगवान गजानन के जयकारों से गूंज उठी चन्दौसी नगरी, रथ यात्रा में शामिल हुए एक लाखों श्रद्धालु

कैबिनेट मंत्री धर्मपाल ने किया शुभारंभ

सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। अंत में गणेश की मुख्य प्रतिमा की डीएम व एसपी ने आरती की। मुंबई के बाद चंदौसी में गणेश चतुर्थी पर भगवान गणपति की विशाल रथयात्रा निकाली जाती है।
दर्जनों झाकियों के साथ निकली गई भगवान गणेश की रथयात्रा

चंदौसी– चंदौसी में गणेश चौथ मेला
ऐतिहासिक मेला गणेश चौथ का मुख्य आकर्षण गणेश रथयात्रा शनिवार को बहुत ही भव्य तरीके से निकाली गई। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल ने फीता काटकर रथयात्रा का शुभारंभ किया। इसके साथ ही डीएम और एसपी ने महाप्रभु गणेश जी की आरती की। नगर के आस पास से लोगों की भीड़ सुबह से ही गणेश मंदिर पर एकत्र होना शुरू हो गई थी। सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल रथयात्रा मार्ग पर तैनात रहा। स्वचलित झांकियां और जीवंत झांकियों के साथ बाहर व स्थानीय बैंड बाजों, हाथी, ऊंट व काली का अखाड़ा रथयात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे।
इस रथयात्रा के आयोजन की तैयारी लगभग तीन माह पूर्व शुरू कर दी गई थी। कलाकार स्वचलित झाकियों को बनाने में जुटे हुए थे। रथयात्रा से एक दिन पूर्व ही झाकियों को जीवंत रूप दे दिया गया था। शनिवार को लगभग 1:30 बजे कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह चंदौसी के गणेश मंदिर पर पहुंचे और महापूजन के बाद फीता काटकर रथयात्रा का शुभारंभ किया। लगभग 4 बजे से सीता रोड से रथयात्रा निकालना प्रारंभ हुई। रथयात्रा में सबसे पहले इस्लामनगर तलवड़िया, घोड़े, ऊंट, गुड्डा, ढ़ोल कुंदरकी चल रहे थे। उसके बाद खाटू श्याम जी की झांकी लोगों के मनों को आनंद पहुंचा रही थी। उसके पीछे मत्स्य अवतार की झांकी अपनी गाथा बता रही थी। उसके पीछे श्री राम की झांकी चल रही थी जिसे देखकर भक्त जय श्री राम के नारे लगा रहे थे। उसके पीछे काली का खेलता स्वरूप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। भक्त मां काली के स्वरूप के पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे थे। उसके पीछे पीछे काली मैया की झांकी चल रही थी। उसके पीछे ढोल बुलंदशहर, संतोषी माता की झांकी, नारियल वाली दुर्गा जी की झांकी, महाराष्ट्र बैन्ड चंदौसी चल रहा था। उसके बाद भगवान नरसिंह की झांकी को देखकर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। हर एक झांकी के साथ एक बैंड चल रहा था। उसके बाद काल भैरव की झांकी के साथ भारत बैंड चल रहा था। उसके बाद पंजाब बैंड और बाल स्वरूप गणेश जी की झांकी भक्तों के मनों को मोह रही थी। उसके पीछे खाटू श्याम जी का रथ चल रहा था। उसके पीछे रामायण लिखते गणेश जी की झांकी ने भक्तों को मग्नमुग्ध कर दिया। उसके पीछे भगवान श्री कृष्ण का महारास करते हुए रथ चल रहा था। उसके पीछे मां दुर्गा की झांकी भक्तों को आशीर्वाद देते हुए चल रही थी। उसके पीछे बैंड के साथ बजरंग बली हनुमान जी की झांकी भक्तों को आनंदित कर रही थी और भक्तों में जोश भर रही थी। उसके पीछे महाकाल की पालकी भक्तों को भाव विभोर कर रही थी। उसके पीछे प्रसाद वाहन चल रहा था जिसमें से भक्तो को प्रसाद वितरण किया जा रहा था। प्रसाद के रूप में फल, टॉफी, बिस्किट आदि भक्तों को दिया जा रहा था जिसे लेने के लिए भक्त जी जान से कोशिश कर रहे थे। उसके बाद आकर्षण का मुख्य केंद्र नग से तैयार गणेश जी की झांकी चल रही थी। उसके पीछे स्व. डा. गिरराज किशोर गुप्ता जी का रथ चल रहा था। उसके पीछे हरे रामा हरे कृष्णा का कीर्तन करते हुए भक्त चल रहे थे। उसके पीछे आर्टिफिशियल मेवे की बनी महाप्रभु श्री गणेश जी की झांकी और रथ चल रहा था। जिसे देखकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था झांकी सीता रोड से शुरू होकर मनिहार चौक, सुंदर मोहल्ला, बड़ा बाजार, घंटाघर, फड़याई मोहल्ला, ब्रह्म बाजार, कैथल गेट, गणेश कॉलोनी होते हुए गणेश मंदिर पर संपन्न हुई।
भारी पुलिस वल तैनात रहा पीआरबी 112 वाहन तथा फायर ब्रिगेड कि वाहन भी पीछे-पीछे चलता रहा ।

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