पन्ना जिला चिकित्सालय में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र खरे ने शिशुओं की बीमारी के संबंध में कई बचाव संबंधी सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान बच्चों के बीमार होने की आशंका होती है, लेकिन डॉक्टर जीतेन्द्र खरे द्वारा सुझाए गए ये 8 टिप्स बारिश के मौसम में भी उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ रखने में आपकी मदद कर सकते हैं। बारिश के समय अनेक प्रकार के कीट एवं जीव जन्तु उत्पन्न होते है तथा मच्छर जनित बीमारीयां बढनें की पूरी संभावना रहती है। इस लिए बच्चो को सुरक्षा पूर्वक बचाओं करना अतिआवश्यक होता है। दिन का समय गर्म और उमस भरा हो सकता है, जबकि रात में यह थोड़ा सर्द हो सकता है। दिन के समय नरम और हल्के कपड़े बेहतर होते हैं और पूरी बाजू वाले कपड़ों की एक अतिरिक्त परत बच्चों को रात में गर्म रखेगी। उन्हें गर्म और सूखा रखें नमी से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, यह उचित है कि हम बच्चों को बाहर निकलते समय रेनकोट और छाते ले जाने के लिए प्रोत्साहित करें। यदि बच्चा भीग जाता है, तो हमें उसे घर पहुँचने के तुरंत बाद साफ और सूखे कपड़े बदलने के लिए कहना चाहिए। डायपर बदलें मानसून में बार-बार पेशाब आना एक आम बात है। यदि आपके छोटे बच्चे हैं, तो गीलेपन और फंगल संक्रमण से बचने के लिए डायपर को बार-बार बदलना ज़रूरी है। मच्छरों से सुरक्षा बरसात के मौसम में मच्छर पनपते हैं जिससे बच्चों को डेंगू और मलेरिया जैसे खतरनाक संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, अपने बच्चे को ढीले, पूरी बाजू के कपड़ों से ढँक दें, जिससे त्वचा कम से कम उजागर हो। मच्छरों के काटने से बचने के लिए आप मच्छरदानी का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। बड़े बच्चों पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। गंदा पानी पीने से डायरिया का संक्रमण बढ़ जाता है। हमेशा फिल्टर्ड आरओ वाटर का इस्तेमाल करें। पानी को उबाल भी सकती हैं और ठंडा होने पर इसका सेवन कर सकते हैं। बार-बार हाथ धोना दस्त से दूर रहने की कुंजी है। बाहर के खाने से परहेज करें और बच्चों को घर का बना ताजा खाना ही दें