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वाहक जनित रोग मलेरिया, डेंगू एवं चिकुनगुनिया से करंे बचाव
सचिन कुमार मिश्रा
पन्ना
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छर से फैलने वाले वाहक जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया से सुरक्षा एवं बचाव के बारे में आवश्यक सलाह जारी की गई है। वर्षाकाल में जगह जगह पानी इकट्ठा हो जाने से मच्छरों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है। ये मच्छर रोगी व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाते हैं तथा इन संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया रोग का प्रसार होता है।
मलेरिया बुखार से ग्रसित रोगियों को ठंड लगकर बुखार आना, सिरदर्द, भुख न लगना, सामान्य लक्षण हैं। डेंगू बुखार में 104 फैरेनहाइट से अधिक तेज बुखार, शरीर पर लाल चिकत्ते, मांसपेशियों एवं जोड़ो में दर्द, आंखे घुमाने में दर्द शुरुआत की दशा में सामान्य लक्षण हैं। गंभीर स्थिति में मुंह, नाक और आंतो से खून आना, पेट दर्द, उल्टी होना और आंखो में खून उतरना, प्लेटलेट्स में अत्यधिक गिरावट होना जैसे लक्षण होते हैं। इसी तरह चिकुनगुनिया बुखार में उंगलियों और हाथ-पैर के जोड़ों में तेज दर्द, सिर दर्द, हल्का बुखार बना रहना, त्वचा में चिकत्ते होना सामान्य लक्षण हैं।
मलेरिया बुखार मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है तथा यह मच्छर रात में अधिक सक्रिय रहता है। डेंगू व चिकुनगुनिया बुखार टाइगर/एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में सक्रिय रहता है। बीमारी फैलाने वाले मच्छर घरों में नमी वाले अंधेरे स्थान में विश्राम करते हैं एवं साफ व रूके पानी में पनपते हैं जो कि हमारे घरों में व आसपास पानी से भरे पात्र जैसे गमले, टंकी, टायर, मटके, कूलर, टूटा-फूटा कबाड़ में भरे पानी, नल, हैण्डपंप व कुएं के आसपास भरे पानी में मच्छर अपने अंडे देते हैं व 7 से 12 दिन में अंडे से मच्छर बनने का जीवनचक्र पूर्ण हो जाता है। इसलिए पानी से भरे बर्तन, टंकियों आदि का पानी सप्ताह में अवश्य बदलते रहें तथा कुएं, हैण्डपंप, नल के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। उन्हें मिट्टी से भराव करायें या पानी की निकासी कराकर मच्छरों के उत्पत्ति स्थल को नष्ट करें, व मच्छरों के लार्वा नहीं पनपने दें। मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे आस्तीन के कपडे पहनंे, मच्छर भगाने वाली क्रीम या क्वाइल का उपयोग करंे, नीम की पत्ती का धुंआ करें।
मलेरिया बुखार की जांच प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र और आशा कार्यकर्ता के पास निःषुल्क उपलब्ध है। डेंगू, चिकुनगुनिया की जांच जिला चिकित्सालय पन्ना में निःषुल्क उपलब्ध है। यदि प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाता है तब इन बीमारियो का इलाज आसानी से हो सकता है। बीमारी के लक्षण दिखने पर षीघ्र स्वास्थ्य केन्द्र में निःषुल्क जांच कराएं तथा चिकित्सक के परामर्ष से पूर्ण उपचार लें।
डेंगू एक वायरल डिसीज़ है तथा की कोई विषेष उपचार या वैक्सीन नहीं होने के कारण डेंगू रोग की रोकथाम एवं बचाव के लिए विषेष सावधानी आवष्यक है। इसके लिए प्रत्येक घर, कार्यस्थल, खाली स्थान, डंपिग स्थल और सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे पूजा व मनोरंजन केंद्रो, सड़कांे के किनारे, खेल के मैदानों इत्यादि में वाहक मच्छर के लार्वा की उत्पत्ति को नियंत्रित करना चाहिए। संभावित डेंगू बुखार के प्रकरणों की षीघ्र जांच कर उचित चिकित्सकीय प्रबंधन करना भी आवश्यक है। जन समुदाय को बीमारी से बचाव के लिए भी जागरूक किया जाना चाहिए।

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