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*2016 – 17 से अधूरा पड़ा आदिवासी हितग्राही का पीएम आवास,रोजगार सहायक पर काम ठेके में देने के आरोप।*
लोकेशन/ रेपुरा
कपिल मिश्रा ✍️✍️

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।शाहनगर विकासखंड की ग्राम पंचायत मलघन से हितग्राही मोहन आदिवासी का आरोप है कि रोजगार सहायक अपने घर में हमारे कागज रखता था और पैसे निकालने के लिए अंगूठा लगाने बैंक साथ लेकर जाता था।सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत मलघन का यह इकलौता मामला नहीं है।यहां कई पीएम आवास अधूरे पड़े हैं।लेकिन सरकारी कागजों में आवास पूरे हैं।लिहाजा आज भोले भाले ग्रामीण अधूरे घरों के पूरा होने का सपना देख रहे हैं।

*सरकारी सिस्टम पर लगाई सेंध :*

पीएम आवास योजना की राशि सिस्टम के अनुसार किस्तों में हितग्राही के खाते में भेजी जाती है,लेकिन हकीकत में वो पैसा मोहन आदिवासी के बताए अनुसार रोजगार सहायक और ठेकेदार के पास चला गया। इस मामले में हैरानी की बात ये है कि सरकार ने अलग-अलग स्तर पर मकान के जियो टैगिंग और हितग्राही के साथ फोटो अपलोड करने के बाद ही भुगतान की व्यवस्था की है. फिर भी भ्रष्टाचारियों ने सिस्टम को ही सेंध लगा दिया।हितग्राही मोहन आदिवासी ने बताया है कि दूसरे मकान के सामने फोटो खिंचवाई गई है।

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