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जिला मजिस्ट्रेट ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के पालन के संबंध में जारी किया आदेश
ध्वनि प्रदूषण उड़नदस्ता दल का गठन
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार ने मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर पन्ना जिले की सीमा क्षेत्र में अधिनियम का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित के विरूद्ध विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है कि उच्च एवं उच्चतम न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिशा निर्देशों, ध्वनि प्रदूषण विनियम और नियंत्रण नियम 2000 और म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों के परिपालन और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 13 दिसम्बर 2023 को भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए थे, जिसके तहत दिन एवं रात्रि में औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतम अनुमत्य ध्वनि सीमा क्रमशः 75 एवं 70 डेसीबल, वाणिज्यिक क्षेत्र में 65 एवं 55 डेसीबल, रहवासी क्षेत्र में 55 एवं 45 डेसीबल और साइलेंट जोन में 50 एवं 40 डेसीबल निर्धारित है।
इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा ध्वनि सीमा मानक का अनुपालन सुनिश्चित करने तथा निर्धारित मापदण्डों से अधिक उपयोग पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोेग पूर्णतः प्रतिबंधित कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के लिए जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जबकि पुलिस थानावार उड़नदस्ता दल का गठन भी किया गया है। पन्ना, देवेन्द्रनगर, मड़ला और बृजपुर थाना के लिए अनुविभागीय मजिस्ट्रेट पन्ना एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पन्ना को उड़नदस्ता दल का प्रभारी नियुक्त किया गया है, जबकि अजयगढ़ एवं धरमपुर थाना के लिए अनुविभागीय मजिस्ट्रेट अजयगढ़ एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अजयगढ़ को, गुनौर, अमानगंज, सलेहा एवं सुनवानी थाना के लिए अनुविभागीय मजिस्ट्रेट गुनौर एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गुनौर को, पवई एवं सिमरिया थाना के लिए अनुविभागीय मजिस्ट्रेट पवई एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस पवई को तथा शाहनगर एवं रैपुरा थाना के लिए अनुविभागीय मजिस्ट्रेट शाहनगर एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस शाहनगर को उड़नदस्ता प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है। समस्त पांच उड़नदस्ता दल में संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार सहित नगरीय निकायों के सीएमओ एवं जनपद पंचायत सीईओ, थाना प्रभारी, कार्यपालन यंत्री म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अथवा बोर्ड के अधिकृत अधिकारी को शामिल किया गया है।
उड़नदस्ता दल द्वारा अपने क्षेत्र अंतर्गत थानावार धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों, जहां ध्वनि विस्तारण यंत्रों का प्रयोग होता है, की जानकारी एकत्र कर उनकी सूची संकलित करेंगे। तथा ऐसे धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों का नियमित एवं आकस्मिक रूप से निर्धारण उपकरणों के साथ औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। ध्वनि प्रदूषण के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर त्वरित जांच कार्यवाही के उपरांत अधिकतम तीन दिवस में जांच प्रतिवेदन अनुविभागीय मजिस्ट्रेट को सौंपा जाएगा। अनुविभागीय मजिस्ट्रेट द्वारा जांच रिपोर्ट के आधार पर उल्लंघनकर्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के लिए अविलंब विधिवत नोटिस जारी कर विभिन्न अधिनियमों व धाराओं के प्रावधानों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही स्वयं अथवा उड़नदस्ता प्रभारी के माध्यम से प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट अथवा न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत करने के लिए जरूरी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
धर्मगुरूओं से संवाद कर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की करें अपील
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में उल्लेखित है कि अनुविभागीय मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र अंतर्गत संबंधित धर्मगुरूओं से संवाद व समन्वय स्थापित कर ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव से अवगत कराएं। साथ ही धार्मिक स्थलों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शासन के दिशा निर्देशों का पालन करवाने की अपील करें। इसके साथ ही धर्मगुरूओं के सहयोग से धार्मिक स्थानों से अवैध लाउड स्पीकरों को हटवाकर निर्धारित नियमों का पालन कराया जाए। नियमों व आदेशों का अनुपालन नहीं होने पर धर्म स्थलों की थानावार सूची तैयार कर प्रस्ताव नोडल अधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकतम दो डीजे के प्रयोग की दी जा सकेगी अनुमति
अनुविभागीय मजिस्ट्रेट को ध्वनि विस्तारण यंत्रों के अधिकतम अनुमत्य ध्वनि सीमा के तहत ध्वनि मानकों के प्रावधानों का पालन कर विधिवत अनुमति प्रदान करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। प्रभारी अधिकारी द्वारा सामान्यतः मध्यम आकार के अधिकतम दो डीजे के प्रयोग की विधिवत अनुमति प्रदान की जा सकेगी। किसी भी संस्था या व्यक्ति द्वारा निर्धारित नियमों का पालन कर इनका उपयोग किया जा सकेगा, लेकिन किसी भी उल्लंघन पर आयोजकों के विरूद्ध अनुविभागीय मजिस्ट्रेट द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। साथ ही ध्वनि प्रदूषण नियम के पालन के लिए नियुक्त लोक सेवकों द्वारा भी लापरवाही पर इनके विरूद्ध भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जा सकेगी।

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