*भवन होने के बाद बंद कर दिया गया प्राथमिक विद्यालय चकिया*
*शातिर अफसर योगी सरकार को बदनाम करने में कहीं का नहीं छोड़ेंगे*
*ढाई किलोमीटर दूर पितांबरपुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने का बीएसए ने जारी कर दिया तुगलकी फरमान*
*कौशाम्बी* योगी सरकार गांव के बच्चों को शिक्षित करने के लिए तरह-तरह की योजना बना रही है लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशाम्बी गांव के बच्चों को अशिक्षित करने पर उतारू है सिराथू विकासखंड क्षेत्र के मलाक पिंजरी ग्राम पंचायत के मजरा चकिया के प्राथमिक विद्यालय को 1 वर्ष पहले बंद कर दिया गया है इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को ढाई किलोमीटर दूर पितांबरपुर के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने का तुगलकी फरमान बीएसए ने जारी कर दिया है ढाई किलोमीटर दूर होने से पितांबरपुर स्कूल तक विद्यार्थी नहीं पहुंच पाते हैं जिससे उनकी शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचारियों की अंधेरगर्दी की हद तो तब हो गई जब चकिया प्राथमिक विद्यालय को बंद करने के बाद बच्चों के मिड डे मील की रकम और कन्वर्जन मनी को लगातार खर्च दिखाया जा रहा है जबकि विद्यालय में दोपहर भोजन नहीं बन रहा है तो मिड डे मील की रकम कहां खर्च हो रही है एक साल से अधिक बीत जाने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों के कारनामों को संज्ञान लेकर इनको निलंबित नहीं किया है कन्वर्जन मनी और मिड डे मील के राशन के घोटाले की रिकवरी नहीं कराई है चकिया विद्यालय को बंद करने के बाद विद्यालय के विद्यार्थियों को गलत तरीके से ढाई किलोमीटर दूर के विद्यालय में अटैक किए जाने के मामले पर भी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दोषियों को दंडित नहीं किया है जबकि चकिया में 20 गुणे 20 फिट का लंबा चौड़ा एक कमरा मौजूद है जिसमें प्राथमिक विद्यालय संचालित किया जा सकता है प्राथमिक विद्यालय चकिया के भवन को ध्वस्त कर विद्यालय बंद करने का यह मामला बेहद गंभीर है और शासन प्रशासन को इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की जरूरत है
शिक्षा विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार के बीच अंधेर गर्दी की हद तो तब हो गई है जब कमीशन खोर अफसरो ने साजिश रच कर चकिया प्राथमिक विद्यालय के अन्य भवन को जर्जर बताते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ध्वस्त करने का निर्देश ठेकेदार को दे दिया है जबकि जिस भवन को ध्वस्त कराया गया है वह 13 वर्ष पहले भूकंपरोधी भवन नवनिर्मित कराए गए थे नया भवन बनाकर कमीशन खाने के बहाने बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिले के प्राथमिक विद्यालय को ध्वस्त करके नई साजिश शुरू कर दी है योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था पर किस तरह से बेसिक शिक्षा अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर तिजोरी भरने में लगे हैं डीएम के ईमानदार होते हुए भी व्यवस्था को चौपट करने की कोशिश बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा की जा रही है जो शिक्षा विभाग पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं ढाई किलोमीटर दूर बच्चे पढ़ने नहीं जाते हैं फिर भी उनके फर्जी उपस्थिति दर्ज करके मिड डे मील और कन्वर्जन मनी की रकम निकाली जा रही है मजबूत शिक्षा भवन ध्वस्त कराए जा रहे हैं आखिर शिक्षा विभाग का शातिर अधिकारी कौन है उसे चिन्हित करके गिरफ्तार कर जेल भेजने की जरूरत है वरना शातिर अफसर योगी सरकार को बदनाम करने में कहीं का नहीं छोड़ेंगे
*सुशील केशरवानी