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श्रमिक उजाला पीयूष दीक्षित जिला सवाददाता

लखीमपुर खीरी

गोला गोकर्णनाथ (खीरी)। सावन के तीसरे सोमवार को छोटीकाशी के प्राचीन शिवमंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा, लेकिन इस अपार जनसमूह के सामने प्रशासन की सारी तैयारियां नाकाफी साबित हुईं। पहली बार ऐसा हुआ कि मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह रोक दिया गया।

 

रविवार देर रात से ही श्रद्धालुओं की कतारें नगर की गलियों और मुख्य चौराहों तक फैल चुकी थीं। अनुमान है कि तीसरे सोमवार तक करीब चार लाख से अधिक शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया। वहीं, भीड़ नियंत्रित करने में प्रशासन पूरी तरह असहाय दिखा।

 

सोमवार तड़के 2:30 बजे सदर चौराहे पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक साथ श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर बढ़ने दिया गया। आगे बढ़ने की होड़ में भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिला श्रद्धालु दब गईं। मौके पर तैनात कांस्टेबल दयाशंकर सिंह ने अपनी जान की परवाह न करते हुए दोनों महिलाओं को सुरक्षित निकाला। इस दौरान वह स्वयं भी गंभीर रूप से घायल हो गए।

 

हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने मंदिर के भीतर प्रवेश को रोकते हुए एक वैकल्पिक व्यवस्था लागू की। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए टीन की पाइप से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई, जिसे लेकर श्रद्धालुओं और हिंदू संगठनों में नाराजगी देखी गई।

 

इस अभूतपूर्व स्थिति ने मंदिर प्रशासन और जिला अधिकारियों की तैयारियों की पोल खोल दी है। आस्था का यह विराट स्वरूप व्यवस्थाओं को चुनौती देता रहा, लेकिन इस बार यह चुनौती त्रासदी में बदलने से बा

ल-बाल बची।

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