श्रमिक उजला जिला संवाददाता पीयूष दीक्षित
लखीमपुर खीरी – तेज बारिश और उफनती नदियों के बीच जब अधिकांश लोग छत की ओट में खड़े थे, उस समय अपर जिलाधिकारी नरेंद्र बहादुर सिंह एक छतरी हाथ में लेकर खुद पानी में उतर पड़े। घुटनों तक पानी, कीचड़ भरे रास्ते और भयावह बाढ़ के हालातों के बीच एडीएम ने बुधवार को बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर यह भरोसा दिलाया कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है।
जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निर्देश पर एडीएम ने सदर व धौरहरा तहसील के कई बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान वे सबसे पहले एसडीएम अश्विनी कुमार सिंह के साथ रेहरिया गांव पहुंचे, जहां वे पानी में चलते हुए ग्रामीणों के बीच पहुंचे और उनकी पीड़ा साझा की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी जरूरतमंद को दो समय का भोजन हर हाल में मिले।
इसके बाद केवलपुरवा राहत शिविर और खानीपुर बाढ़ चौकी का जायजा लिया गया। चिकित्सा, पशुपालन और आपदा राहत से जुड़ी टीमों को सतर्कता और सक्रियता के निर्देश दिए गए।
धौरहरा तहसील के टहारा गांव में एडीएम ने एसडीएम शशिकांत मणि के साथ लोगों की समस्याएं सुनीं और मौके पर मौजूद अधिकारियों को तत्काल सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए। इसी कड़ी में बेचेलाल महाविद्यालय में बनाए गए राहत केंद्र व ओएनजीसी अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के बाद राहत कार्यों में तेजी आई। प्रशासन की ओर से भेजी गई टीमें दोनों तहसीलों में सक्रिय हुईं और बाढ़ पीड़ितों तक लंच पैकेट पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ। सैकड़ों परिवारों को भोजन वितरित किया गया।
प्रशासन का साफ संदेश है—कोई भूखा न सोए और हर जरूरतमंद तक सहायता पहुँचे। एडीएम की यह मानवीय पहल न सिर्फ प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि संकट की इस घड़ी में लोगों के चेहरों पर उम्मीद की रौशनी भी लौटाई है।
