पीयूष दक्षित दैनिक श्रमिक उजाला जिला संवाददात
लखीमपुर खीरी (न्यूज़ ब्यूरो): नवजात की दर्दनाक मौत और गर्भवती महिला के साथ हुई कथित लापरवाही के मामले ने जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है। शुक्रवार को गोलदार अस्पताल को सील कर दिया गया और वहां भर्ती सभी मरीजों को सुरक्षित जिला महिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
गौरतलब है कि नौसर जोगी गांव निवासी विपिन गुप्ता ने आरोप लगाया था कि महेवागंज स्थित गोलदार अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर 25 हजार रुपये की मांग की और रकम न मिलने पर समय से इलाज नहीं किया, जिससे उनके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई और उनकी पत्नी की हालत नाजुक हो गई। शुक्रवार को विपिन अपने नवजात के शव को झोले में डालकर कलेक्ट्रेट पहुंचा था, जिसके बाद पूरा मामला प्रकाश में आया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दिए और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता की सिफारिश पर अस्पताल को सील कर दिया गया। साथ ही, अस्पताल में भर्ती मरीजों को एंबुलेंस की सहायता से जिला महिला अस्पताल में सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया गया।
इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी ए.के. रस्तोगी शुक्रवार को सृजन अस्पताल पहुंचे, जहां पीड़िता रूबी गुप्ता का इलाज चल रहा है। उन्होंने डॉक्टरों से महिला की स्थिति की जानकारी ली और बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है।
जिला प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता की ओर एक कदम है, बल्कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर भी एक कड़ा संदेश है कि मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
