शाहनगर- ग्राम मलघन में खेत में गाय घुसने से शुरू हुआ एक मामूली विवाद अब सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद सुर्खियों में है। वायरल हुए दो वीडियो ने न केवल पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने ला दी, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि मामले को जानबूझकर जातिगत रूप देने की कोशिश की जा रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों ग्राम मलघन में खेत में गाय घुसने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। विवाद के शांत होने के बाद कुछ लोगों ने इसे जातिगत दिशा देने का प्रयास किया। इसी बीच ओबीसी महासभा के स्वयंभू अध्यक्ष रामभगत कुशवाहा है उनका नाम इस मामले में सामने आया है।पहले वायरल वीडियो में गजन्दा निवासी सुखचेन अहिरवार कैमरे के सामने यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि –“मैं रमाकांत मिश्रा नाम के व्यक्ति को नहीं जानता। मैंने फेसबुक पर एक पोस्ट की थी, जिसके चलते मुझे बोरी चौकी बुलाया गया। जब मैंने रामभगत कुशवाहा से मदद मांगी, तो उन्होंने कहा कि रमाकांत मिश्रा के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दो, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।”दूसरे वायरल वीडियो में सुखचेन और रामभगत कुशवाहा के बीच फोन पर हुई बातचीत भी सामने आई है। इसमें सुखचेन कहते हैं – “मैं चौकी में खड़ा हूँ, आपने कहा था झूठी रिपोर्ट कर दो, लेकिन रमाकांत से मेरा कोई विवाद नहीं हुआ, मैं कैसे रिपोर्ट कर दूँ?” इस पर रामभगत कुशवाहा नाम के व्यक्ति की आवाज है ऐसा बताया गया, जिसमे वह सुखचेन की बातों को घुमाते सुनाई दें रहे है – “तुम चौकी क्यों गए? अगर जाना था तो चार–छह लोग साथ ले जाते।”
इन वीडियो के सामने आने के बाद अब पूरा मामला उलट गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रामभगत कुशवाहा राजनीतिक लाभ के लिए जातिवाद का माहौल बनाकर समाज में वैमनस्य फैलाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वायरल वीडियो ने उनकी मंशा को उजागर कर दिया। ग्रामीणों को ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्र में हमेशा सौहार्द और आपसी भाईचारे का वातावरण रहा है, जिसे कुछ लोग राजनीति के लिए बिगाड़ना चाहते हैं। उन्होंने प्रशासन से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब लोग यही सवाल पूछ रहे हैं कि राजनीति के लिए समाज को बांटने की कोशिश आखिर कब तक जारी रहेगी? वायरल वीडियो ने यह साबित कर दिया है कि सच्चाई चाहे जितनी देर से सामने आए, लेकिन छिप नहीं सकती।