श्रमिक उजाला पीयूष दीक्षित
लखीमपुर खीरी। जिले के 25 गांवों में दहशत, गन्ने के खेत बने खतरे की गुफालखीमपुर खीरी जिले के गोला और मैलानी वन रेंज में एक बाघिन ने आतंक मचा रखा है। बीते कुछ दिनों से लगातार अपनी लोकेशन बदल रही यह बाघिन अब तक कई मवेशियों पर हमला कर चुकी है। स्थिति यह है कि गोला क्षेत्र के 25 से अधिक गांवों में भय का माहौल है। ग्रामीण शाम होते ही घरों में दुबक जाते हैं और खेतों में काम करने से कतराने लगे हैं।
सुबह-सुबह बाघिन ने किया हमला, गन्ने के खेत में खींच ले गई बकरा
रविवार सुबह करीब 4 बजे बाघिन ने बंजरिया गांव के जगेसुर के घर में बंधे एक बकरे को निशाना बनाया। ग्रामीणों के अनुसार, हमले के समय परिजन घर में सो रहे थे। बाघिन बकरे को खींचकर गन्ने के खेतों की ओर ले गई। शोर सुनकर परिवार जागा और ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन अधिकारियों ने गन्ने के घने खेत में जाने से इनकार कर दिया।
ग्रामीणों ने निकाला शव, वन विभाग ने पोस्टमॉर्टम से किया इनकार
स्थानीय लोगों ने खुद जोखिम उठाते हुए खेत में प्रवेश किया और करीब 200 मीटर अंदर से बकरे के अधखाए शव को बाहर लाया। पीड़ित जगेसुर ने बकरे का पोस्टमॉर्टम करवाने की मांग की, लेकिन विभाग ने इससे साफ इनकार कर दिया। जगेसुर के मुताबिक, मरे बकरे का वजन करीब 40 किलो था।
मुआवजे की आस, लेकिन कार्रवाई शून्य
वन विभाग ने पीड़ित का नाम मुआवजे के रजिस्टर में दर्ज कर लिया है और आश्वासन दिया है कि रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। मगर ग्रामीणों में आक्रोश इस बात को लेकर है कि विभाग खुद मौके पर जाकर साक्ष्य जुटाने को तैयार नहीं है।
पड़ोसी गांव में बछिया पर भी हमला
इससे पहले शुक्रवार रात को पास के गांव में रहने वाले भूपेंद्र सिंह के घर में बंधी बछिया पर भी बाघिन ने हमला किया था। बछिया को भी गन्ने के खेत में खींच ले जाया गया, लेकिन उसका शव अभी तक बरामद नहीं हो पाया है।
पिंजरे लगे, लेकिन शिकारी नहीं फंसी
वन विभाग की मानें तो वलारपुर क्षेत्र के आसपास पिंजरे लगाए गए हैं, मगर अब तक न तो बाघिन और न ही कोई अन्य बाघ इन पिंजरों में फंसा है। ऐसे में ग्रामीणों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।
ग्रामीण बोले—बाघिन को पकड़ो, नहीं तो काम पर नहीं लौटेंगे
गांवों में लोग अब खेतों में काम करने से डरने लगे हैं। खासकर गन्ने की फसल वाले इलाकों में कोई अकेले जाने की हिम्मत नहीं कर रहा। ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग तत्काल प्रभाव से बाघिन को पकड़ने की ठोस कार्ययोजना बनाए।