गोंडा में सड़क हादसे का मंजर देखकर कांप गया हर कोई!
नहर में सामई बोलेरो में सवाल 11 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। ये वीडियो यूपी के गोंडा जिले की है। रविवार सुबह 11 श्रद्धालुओ को मौत ने अपने आगोश में ले लिया। जबकि एक की तलाश की जा रही है, उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। मृतकों में एक ही परिवार के नौ लोग बताए जा रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम ने नहर से लाशों को निकाला तो दृश्य देखकर हर कोई कांप गया। घटना की जानकारी होते ही डीएम-एसपी सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घरवालों को हादसे की सूचना दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
आपको बता दें कि मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव के रहने वाले 15 लोग बोलेरो गाड़ी से पृथ्वीनाथ मंदिर जलाभिषेक करने के लिए जा रहे थे। मन में अटूट श्रद्धा लेकर घर से निकले लोगों को शायद यह अंदेशा नहीं था कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी सफर है। भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने को लेकर सभी लोग काफी उत्साहित थे। लेकिन, भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
इटियाथोक क्षेत्र के बेलवा बहुता नहर पुल वही स्थान था, जहां मौत उन सभी का इंतजार कर रही थी। यहां पर सड़क में फिसलन होने के कारण गाड़ी अनियंत्रित हो गई। चालक संभाल पाता, इससे पहले ही बोलेरो नहर में गिर गई। आसपास के लोगों ने देखा तो भागकर पहुंचे। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। लोगों ने किसी तरह तीन लोगों को बाहर निकाला। सूचना पर अधिकारी पुलिस और एनडीआरएफ टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने पानी में गाड़ी के अंदर फंसे लोगों को निकालना शुरू किया। लेकिन, तब तक देर हो चुकी थी। देखते ही देखते वहां पर लाशों का ढेर लग गया। महिलाओं और बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो चुकी थी। एक व्यक्ति लापता है, उसकी तलाश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि हादसे के समय हल्की बारिश हो रही थी। नहर के किनारे की सड़क फिसलन भरी थी और बेहद संकरी भी। बोलेरो को साइड से गुजारने की कोशिश के दौरान अचानक वाहन फिसलकर नहर में पलट गया। वाहन पानी में पूरी तरह डूब गया। इससे सवार लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह करीब 6.00 बजे एक जोर की आवाज सुनाई दी। कुछ ही देर में लोग मौके पर पहुंचे तो देखा कि बोलेरो नहर में समा चुकी थी। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और खुद भी बचाव कार्य में जुट गए। बाद में प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला।