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टीडी टीकाकरण अभियान में सहयोग के लिए स्कूल प्रबंधकों से की अपील

– विकास भवन में शहरी क्षेत्र के स्कूल प्रबंधकों के साथ स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक
– 11 से 31 अगस्त तक स्कूलों में जाकर किशोर-किशोरियों को लगाए जाएंगे टीके

हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट

आगरा,टिटनेस डिप्थीरिया कैच अप अभियान के अंतर्गत बुधवार को प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आगरा के स्कूलों के प्रबंधकों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी आगरा डॉ. उपेंद्र कुमार के द्वारा स्कूल प्रबंधकों से अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की गई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि यह अभियान 11 से 31 अगस्त तक आयोजित किय जाएगा। अभियान में कक्षा पांच (10 साल के बच्चे) एवं कक्षा 10 (16 साल के बच्चे) के बच्चों को टीडी के टीके लगाये जाएंगे।

सीएमओ ने बताया कि डिप्थीरिया (गलघोंटू) एक संक्रामक बीमारी है जो कि बैक्टीरिया के कारण होती है। इसलिए सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अभियान चलाकर बच्चों को टीका लगाया जायेगा। उन्होंने सभी अभिवावक व शिक्षकों से अपील की कि कक्षा पांच व कक्षा दस में पढ़ने वाले बच्चों को टीडी का लगवाने के लिए प्रेरित करें और अभियान के दौरान उनका टीकाकरण अवश्य कराएँ।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. उपेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान कुल 195 विद्यालय के लगभग 24 हजार बच्चों को टीडी के टीके लगाए जाने लक्ष्य रखा गया है। सभी विद्यालयों में कक्षा पांच में पढ़ने वाले बच्चों का टीडी-10 का और कक्षा 10 के बच्चों को टीडी-16 का टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा टीकाकरण करने के पश्चात् यू विन पोर्टल पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन और जेएसआई संस्था द्वारा मॉनीटरिंग व सपोर्टिव सुपरविजन करके सत्र का संचालन किया जाएगा।

एसीएमओ आरसीएच डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि बुखार,जुकाम, सर दर्द, नाक का बहना, गले की ग्रंथियों में सूजन, कमजोरी और कब्ज होना डिप्थीरिया के लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए टीकाकरण कराना अति आवश्यक है। डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह में पेंटावेलेंट का टीका लगवाना। इसके बाद 16 से 24 माह और पांच से सात वर्ष की आयु के बीच में डीपीटी का बूस्टर लगवाना। इसके अलावा 10 और 16 साल की आयु में टीडी का टीका लगवाना चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ महिमा चतुर्वेदी ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि डिप्थीरिया (गलघोंटू) एक संक्रामक एवम जान लेवा बीमारी है जो कि बैक्टीरिया के कारण होती है। इसलिए यह टीकाकरण बहुत जरूरी है तथा टीडी वैक्सीन की गुणवक्ता और सुरक्षा संपूर्ण है।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति, नगर स्वास्थ्य अधिकारी सुमित, यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार शर्मा, यूनिसेफ प्रतिनिधि राहुल कुलश्रेष्ठ, जेएसआई के प्रतिनिधि नितिन खन्ना, शिव तिवारी आदि मौजूद रहे।

बॉक्स
स्कूलों में पेटिंग प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी की अध्यक्षता में शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने डिप्थीरिया के प्रति जागरुक करने वाले पोस्टर बनाए। कार्यक्रम में जेएसआई संस्था द्वारा सहयोग किया गया।

टीडी टीकाकरण अभियान में सहयोग के लिए स्कूल प्रबंधकों से की अपील
– विकास भवन में शहरी क्षेत्र के स्कूल प्रबंधकों के साथ स्वास्थ्य विभाग ने की बैठक
– 11 से 31 अगस्त तक स्कूलों में जाकर किशोर-किशोरियों को लगाए जाएंगे टीके

आगरा, 06 अगस्त 2025।
टिटनेस डिप्थीरिया कैच अप अभियान के अंतर्गत बुधवार को प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आगरा के स्कूलों के प्रबंधकों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी आगरा डॉ. उपेंद्र कुमार के द्वारा स्कूल प्रबंधकों से अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की गई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि यह अभियान 11 से 31 अगस्त तक आयोजित किय जाएगा। अभियान में कक्षा पांच (10 साल के बच्चे) एवं कक्षा 10 (16 साल के बच्चे) के बच्चों को टीडी के टीके लगाये जाएंगे।

सीएमओ ने बताया कि डिप्थीरिया (गलघोंटू) एक संक्रामक बीमारी है जो कि बैक्टीरिया के कारण होती है। इसलिए सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अभियान चलाकर बच्चों को टीका लगाया जायेगा। उन्होंने सभी अभिवावक व शिक्षकों से अपील की कि कक्षा पांच व कक्षा दस में पढ़ने वाले बच्चों को टीडी का लगवाने के लिए प्रेरित करें और अभियान के दौरान उनका टीकाकरण अवश्य कराएँ।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. उपेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान कुल 195 विद्यालय के लगभग 24 हजार बच्चों को टीडी के टीके लगाए जाने लक्ष्य रखा गया है। सभी विद्यालयों में कक्षा पांच में पढ़ने वाले बच्चों का टीडी-10 का और कक्षा 10 के बच्चों को टीडी-16 का टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा टीकाकरण करने के पश्चात् यू विन पोर्टल पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन और जेएसआई संस्था द्वारा मॉनीटरिंग व सपोर्टिव सुपरविजन करके सत्र का संचालन किया जाएगा।

एसीएमओ आरसीएच डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि बुखार,जुकाम, सर दर्द, नाक का बहना, गले की ग्रंथियों में सूजन, कमजोरी और कब्ज होना डिप्थीरिया के लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए टीकाकरण कराना अति आवश्यक है। डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह में पेंटावेलेंट का टीका लगवाना। इसके बाद 16 से 24 माह और पांच से सात वर्ष की आयु के बीच में डीपीटी का बूस्टर लगवाना। इसके अलावा 10 और 16 साल की आयु में टीडी का टीका लगवाना चाहिए।

विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ महिमा चतुर्वेदी ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि डिप्थीरिया (गलघोंटू) एक संक्रामक एवम जान लेवा बीमारी है जो कि बैक्टीरिया के कारण होती है। इसलिए यह टीकाकरण बहुत जरूरी है तथा टीडी वैक्सीन की गुणवक्ता और सुरक्षा संपूर्ण है।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति, नगर स्वास्थ्य अधिकारी सुमित, यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार शर्मा, यूनिसेफ प्रतिनिधि राहुल कुलश्रेष्ठ, जेएसआई के प्रतिनिधि नितिन खन्ना, शिव तिवारी आदि मौजूद रहे।

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स्कूलों में पेटिंग प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी की अध्यक्षता में शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने डिप्थीरिया के प्रति जागरुक करने वाले पोस्टर बनाए। कार्यक्रम में जेएसआई संस्था द्वारा सहयोग किया गया।

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