हीरा के जी.आई. टैग की यात्रा पन्ना कलेक्टर रहे संजय मिश्रा के कार्यकाल से प्रारंभ होकर वर्तमान पन्ना कलेक्टर ऊषा परमार के कार्यकाल मे सम्पन्न हुई!पन्ना , मध्यप्रदेश के विश्वविख्यात पन्ना हीरे को भारत सरकार की Geographical Indications (GI) Registry द्वारा औपचारिक रूप से जी.आई. टैग प्रदान कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से पन्ना हीरे की भौगोलिक विशिष्टता, गुणवत्ता, ऐतिहासिक महत्व एवं प्राकृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी संरक्षण प्राप्त हो गया है। यह पन्ना जिले तथा मध्यप्रदेश के लिए अत्यंत गर्वपूर्ण क्षण है।विशेष उल्लेखनीय है कि जी.आई. आवेदन की प्रक्रिया कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी पन्ना रहे श्री संजय कुमार मिश्र, आईएएस (2020–2023) के कार्यकाल में प्रारम्भ कर पूर्ण दस्तावेज़ों के साथ 07 जून 2023 को कलेक्टोरेट (डायमंड ब्रांच), जिला पन्ना द्वारा प्रस्तुत की गई थी। इस आवेदन को अब आधिकारिक रूप से पंजीकृत कर लिया गया है। पन्ना डायमंड को क्लास 14 – Natural Goods श्रेणी में जी.आई. मान्यता प्रदान किया गया है!
पन्ना हीरे की विशेषताएँ: वैश्विक स्तर पर अद्वितीय
पन्ना का हीरा अपनी—
• प्राकृतिक पारदर्शिता,
• उच्च गुणवत्ता,
• विशिष्ट भूगर्भीय संरचना,
• दुर्लभता,
• तथा ऐतिहासिक विरासत
के कारण विश्वभर में पहचान रखता है। पन्ना जिले में पारंपरिक रूप से हीरा खनन का कार्य सदियों से स्थानीय समुदायों द्वारा विशेषज्ञता के साथ किया जाता रहा है। यही विशिष्टताएँ इसे GI टैग के योग्य बनाती हैं।
जी.आई.टैग का महत्व और लाभ
जी.आई. टैग प्राप्त होने से पन्ना हीरे को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे—
1. कानूनी संरक्षण:-अब केवल पन्ना क्षेत्र से प्राप्त प्राकृतिक हीरों को ही “Panna Diamond” नाम से बेचा जा सकेगा। नाम के दुरुपयोग या फर्जी विपणन पर कानूनी कार्रवाई संभव होगी।2. वैश्विक ब्रांड वैल्यू में वृद्धि:-GI प्रमाणन से पन्ना हीरा एक सर्टिफाइड और प्रीमियम प्राकृतिक उत्पाद के रूप में वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा।
3. स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन:-खनन क्षेत्र से जुड़े स्थानीय खनिक, कारीगर, व्यापारी एवं सहायक समुदायों को बेहतर मूल्य, रोजगार के अवसर और सामाजिक-आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे।
4. पर्यटन और निवेश को बढ़ावा:-GI टैग से पन्ना जिला प्राकृतिक धरोहर क्षेत्र के रूप में और अधिक आकर्षक बनेगा, जिससे घरेलू एवं विदेशी निवेश तथा पर्यटन में वृद्धि होगी।
5. पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण:-स्थानीय समुदायों द्वारा विकसित विशेषज्ञ खनन परंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
प्रशासनिक प्रयासों की सराहना
GI टैग दिलाने की दिशा में कलेक्टोरेट पन्ना (डायमंड ब्रांच) की सक्रिय भूमिका रही। आवेदन प्रक्रिया में—
• तकनीकी दस्तावेज़,
• ऐतिहासिक प्रमाण,
• वैज्ञानिक और भौगोलिक विवरण,
• पारंपरिक विशेषज्ञता का संकलन,
• तथा GI रजिस्ट्री की आवश्यकताओं का पालन
सुनिश्चित किया गया। इस उपलब्धि में खनिज विभाग के अधिकारी रवि पटेल सहित अन्य कर्मचारियों के साथ स्थानीय विशेषज्ञों और समुदायों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
पन्ना व मध्यप्रदेश एवम भारत के लिए गौरव का क्षण:-
GI टैग प्राप्त होना पन्ना की प्राकृतिक धरोहर को दी गई राष्ट्रीय मान्यता है। यह उपलब्धि न केवल हीरा उद्योग को मजबूती देगी, बल्कि पन्ना जिले की पहचान को भी अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करेगी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक विरासत के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को यह सफलता नया आयाम प्रदान करती है।“पन्ना डायमंड” का GI टैग प्राप्त करना पन्ना जिले की ऐतिहासिक धरोहर, प्राकृतिक विशिष्टता और प्रशासनिक दूरदर्शिता का परिणाम है। यह उपलब्धि पन्ना और भारत दोनों की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाई प्रदान करती है।
पन्ना जिले, स्थानीय समुदायों और समस्त मध्यप्रदेश कोइस ऐतिहासिक उपलब्धि केलिए पन्ना कलेक्टर ऊषा परमार एवम खनिज अधिकारी रवि पटेल ने हार्दिक शुभकामनाएँ दी!