पीयूष दीक्षित दैनिक श्रमिक उजाला जिला सवाददाता
श्रीनगर, लखीमपुर खीरी।
श्री नान्तिन बाबा आश्रम भुआली (नैनीताल) द्वारा स्थापित सैकड़ों वर्ष पुराना प्राचीन नर्वद्वेश्वर शिव मंदिर और आश्रम, शारदा नदी की तेज धारा की भेंट चढ़ गया। ग्राम ग्रंट नंबर 12, पोस्ट श्रीनगर स्थित यह धार्मिक स्थल अब शारदा की लहरों में समा चुका है।
बीते दिनों से शारदा नदी में लगातार तेज बहाव और कटान की खबरें आ रही थीं। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन को कई बार सूचित किया, परन्तु कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। परिणामस्वरूप, मंदिर और आश्रम के समस्त अवशेष नदी में बह गए, जिससे स्थानीय जनमानस में भारी दुख और आक्रोश व्याप्त है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नदी का बहाव इतना तेज था कि कोई भी रुक नहीं पाया। जो कुछ भी सामने आया, वह पानी की धार में बहता चला गया — चाहे वो मिट्टी हो, वृक्ष हों, या फिर ईंट से बना हुआ यह पवित्र स्थल।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मंदिर केवल धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक मेलजोल का प्रमुख स्थान भी था। यहां प्रतिवर्ष विशेष अनुष्ठान और श्रद्धालुओं की भीड़ रहती थी।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग से मांग की गई है कि इस विषय को गंभीरता से लिया जाए और नदी के किनारे बसे अन्य धार्मिक एवं रिहायशी स्थलों की सुरक्षा हेतु ठोस उपाय किए जाएं।