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दैनिक श्रमिक उजाला पीयूष दीक्षित

पलिया, लखीमपुर खीरी।

तहसील पलिया क्षेत्र के पलिया–भीरा मार्ग के मध्य, रेलवे लाइन से सटी शारदा नदी में इन दिनों अवैध खनन अपने चरम पर है। खनन माफिया खुलेआम नदी से बालू निकाल रहे हैं और हैरानी की बात यह है कि न तो रेलवे विभाग सक्रिय नजर आ रहा है, न ही स्थानीय प्रशासन और खनन विभाग कोई कार्रवाई करता दिख रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि खनन माफियाओं को किसी भी प्रकार का डर नहीं है। मशीनों और ट्रकों से दिन-रात बालू का खनन हो रहा है, जिससे शारदा नदी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो रही है।

“बाढ़ का खतरा मंडराया”

नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसी के चलते दौलतापुर, मटहिया, कचनारा सहित आसपास के दर्जनों गांवों पर बाढ़ का गंभीर खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अवैध खनन नहीं रुका, तो स्थिति भयावह हो सकती है।

“उप जिलाधिकारी पलिया ने क्या कहा?”

जब इस विषय में उप जिला अधिकारी (SDM) पलिया से वार्ता की गई, तो उन्होंने कहा—

“यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, लेकिन अब मैं इसकी जांच कराऊंगा और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”

प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल

प्रशासनिक विभागों की निष्क्रियता से ग्रामीणों में आक्रोश है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या खनन माफियाओं को किसी राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण का लाभ मिल रहा है, जिसके चलते वे इतने बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं?

“ग्रामीणों की मांग”

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई हो और संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

 

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