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पन्ना जिले सकरिया- ककरहटी- गुनौर- डिभौरा सड़क मे पुलिया निर्माण कार्य मे डस्ट का उपयोग किया गया है ! जिसकी फोटो कुछ समय पहले सूत्रों द्वारा भेजी गई थी! डस्ट मे मिट्टी की मात्रा होने के कारण सीमेंट के पकड़ने की क्षमता कम हो जाती है और बहुत महीन होने  के कारण बनाये गये मशाले मे  जगह कम होती है जिससे पानी को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है! लेकिन फिर भी सड़क को गुणवत्ता युक्त बता दिया गया है! पन्ना जिले का एक नया नियम लोक निर्माण विभाग  के अधिकारी बी के त्रिपाठी की भूमिका को लेकर सवाल उठाये गये थे! तो  फिर बी के त्रिपाठी के द्वारा कैसे सड़क  की जाँच की गई कौन है जिम्मेदार

 चार इंजी. नियुक्त करने से गड़बड़ी नही होगी इसका क्या प्रमाण है! पन्ना के लोकनिर्माण विभाग मे एक नया नियम निकला है जिसकी शिकायत वही जाँच करने जाते है! जबकि जाँच बरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए थी! ऐसी व्यवस्था को मौन होकर देखने वाले जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रश्न चिन्ह नही लगाया जाता है! अन्यथा मटेरियल को सागर या अन्य किसी लैब मे भेज कर चेक करवाया जाना चाहिए! चौड़ाई, मोटाई सही  है या हो सकती है लेकिन जिस मटेरियल से निर्माण कार्य किया गया है उसकी जाँच भी लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी उन्ही की लैब से कर लेते है सुंदर व्यवहार का उदाहरण है ठेकेदार और अधिकारी के बीच! 

 

जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारी बी के त्रिपाठी का पक्ष जानने की कोशिस की गई तो उन्होंने फोन नही उठाया! 

 

 

 

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